पी.एस.एल.वी.-सी32 द्वारा भारत का छठा नौवहन उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ सफलतापूर्वक प्रमोचित होम / अभिलेखागार / पी.एस.एल.वी.-सी32 द्वारा भारत का छठा नौवहन उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ सफलतापूर्वक प्रमोचित
मार्च 11, 2016 अपनी चौंतीसवीं उड़ान (पी.एस.एल.वी.-सी32) में, इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक राकेट ने 1425 कि.ग्रा. भार वाले आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली के छठे उपग्रह का आज ‘अपराह्न (10 मार्च, 2016) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रमोचन किया। यह पी.एस.एल.वी. का लगातार तैंतीसवाँ सफल मिशन है और अपने ‘एक्स.एल.’ संरूपण में बारहवाँ। प्रथम प्रमोचन पैड से 1601 बजे (4:01 अपराह्न) भा.मा.स. प्रथम चरण के प्रज्वलन के बाद पी.एस.एल.वी.-सी32 के उड़ान भरने के बाद, तदवर्ती मुख्य उड़ान घटनाएँ जैसे स्ट्रैप-ऑन प्रज्वलन एवं पृथक्क्न, प्रथम चरण पृथक्कन, द्वितीय चरण प्रज्वलन, ताप-कवच पृथक्कन, द्वितीय चरण पृथक्कन चरण प्रज्वलन एवं पृथक्कन, चतुर्थ चरण प्रज्वलन एवं उपग्रह अंत:क्षेपण योजना के अनुसार घटित हुए। 19 मिनट 34 सेकेंड की उड़ान के बाद, आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ को भूमध्यरेखा से 17.866 डिग्री के कोण की (निर्धारित कक्षा के बिल्कुल समीप) आनत 284 कि.मी. ´ 20,719 कि.मी. की दीर्घवृत्तीय कक्षा में अंत:क्षेपित किया गया जिसके बाद, उपग्रह पी.एस.एल.वी. के चतुर्थ चरण से सफलतापूर्वक अलग हो गया। पृथक्कन के बाद, आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ के सौर पैनल स्वत: प्रस्तरित हो गए। हासन स्थित इसरो की मुख्य नियंत्रण सुविधा (एम.सी.एफ.) ने उपग्रह का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। आगामी दिनों में उपग्रह को 32.5 डिग्री पूर्व देशांतर पर भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने हेतु एम.सी.एफ. से चार कक्षा युक्तिचालन किए जाएंगे। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली के अंतरिक्ष खंड को गठित करते सात उपग्रहों में से छठा उपग्रह है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी एवं 1ई समूह के पहले पाँच उपग्रह क्रमश: 2 जुलाई, 2013, 4 अप्रैल, 2014, 16 अक्तूबर, 2014, 28 मार्च, 2015 तथा 20 जनवरी, 2016 को पी.एस.एल.वी. द्वारा सफलतापूर्वक प्रमोचित किए गए। ये सभी उपग्रह अपने-अपने निर्धारित कक्षीय स्थान में संतोषजनक रूप से कार्य कर रहे हैं। आई.आर.एन.एस.एस., भारतीय क्षेत्र में तथा इसकी मुख्य भूमि के चारों ओर 1500 कि.मी. तक अवस्थिति सूचना प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई एक स्वतंत्र प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली है। आई.आर.एन.एस.एस. दो प्रकार की सेवा प्रदान करती है जैसे, मानक अवस्थिति सेवा (एस.पी.एस.)- जो सभी प्रयोक्ताओं को मुहैया कराई जाती है और प्रतिबंधित सेवा (आर.एस.)-जो प्राधिकृत प्रयोक्ताओं के लिए है। उपग्रह रेंजिंग तथा मानीटरन, नौवहन प्राचलों के उत्पादन एवं संप्रेषण इत्यादि के लिए जिम्मेदारी कई भू सुविधाएँ देश भर में अठारह स्थानों पर स्थापित की गई हैं। आई.आर.एन.एस.एस. के अंतिम सदस्य - आई.आर.एन.एस.एस.-1जी के अप्रैल, 2016 में प्रमोचन के साथ ही, आई.आर.एन.एस.एस. समूह पूर्ण हो जाएगा।